न जाने क्यूँ, होता है यह ज़िन्दगी के साथ
अचानक यह मन, किसीके जाने के बाद
करे फिर उसकी याद छोटी छोटी सी बात
न जाने क्यूँ ...
जो अनजान पल, ढल गए कल, आज वोह
रंग बदल बदल, मन को मचल मचल
रहें है चल, न जाने क्यूँ वोह अनजान पल
सजे भी न मेरे, नैनो में
टूटे रे है रे सपनो के महल
न जाने क्यूँ ...
वोही है डगर, वोही है सफ़र
है नहीं साथ मेरे मगर अब मेरा हमसफ़र
इधर उधर ढूंढे नज़र वोही है डगर
कहाँ गयी शामें, मदभरी
वोह मेरे, मेरे वोह दिन गए किधर
न जाने क्यूँ ...
अचानक यह मन, किसीके जाने के बाद
करे फिर उसकी याद छोटी छोटी सी बात
न जाने क्यूँ ...
जो अनजान पल, ढल गए कल, आज वोह
रंग बदल बदल, मन को मचल मचल
रहें है चल, न जाने क्यूँ वोह अनजान पल
सजे भी न मेरे, नैनो में
टूटे रे है रे सपनो के महल
न जाने क्यूँ ...
वोही है डगर, वोही है सफ़र
है नहीं साथ मेरे मगर अब मेरा हमसफ़र
इधर उधर ढूंढे नज़र वोही है डगर
कहाँ गयी शामें, मदभरी
वोह मेरे, मेरे वोह दिन गए किधर
न जाने क्यूँ ...
This song talks about the moments of love that are transitory and devoid of all permanence. Things that are not permanent can also be immortal. This can happen only when one is in love.
ReplyDeleteNa Jaane Kyun Hota Hai Ye Zindagi Ke Saath
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