Friday 4 November 2011

छोटी सी कहानी से, बारीशों की पानी से (Chhoti Si Kahani Se, Barisho Ki Paani Se)

छोटी सी कहानी से, बारीशों की पानी से
सारी वादी भर गयी,
ना जाने क्यों, दिल भर गया,
ना जाने क्यों, आँख भर गयी

शाखों पे पत्ते थे,पत्तों पे बूंदे थी
बूंदो में पानी था,पानी में आंसू थे

दिल में गीले भी थे,पहले मिले भी थे
मिलके पराये थे, दो हमसाये थे

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