Friday 4 November 2011

आँखों में हमने आप के सपने सजाये हैं Aankhon Mein Hamne Aap Ke Sapne Sajaaye Hain

आँखों में हमने आप के सपने सजाये हैं
पलकें उठा के आप ने जादू जगाये हैं
सपना भी आप ही हैं हकीकत भी आप हैं
बस आप आप आप ही मुझमें समाये हैं

आँखों का रंग  ढूंढा है हीरे तलाश कर
दिल में सजायेंगे ये रंग यूँ ही उम्र भर
मुश्किल से ज़िन्दगी के
मुश्किल से ज़िन्दगी के, रंग हाथ आये हैं
आँखों में हमने आप के सपने सजाये हैं

दोहराए जायेंगे न ये लम्हात अब कभी
सपनों में भी न छूटेगा ये साथ अब कभी
मिलती है ज़िन्दगी जब आप मुस्कुराए हैं

ये दिल कुछ ऐसे आप के सजदे में झुक गया
नज़रे उठायी आप ने तो वक़्त रुक गया
ठहरे हुए पलों में
ठहरे हुए पलों में, ज़माने बिताये हैं
आँखों में हमने आप के सपने सजाये हैं

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