मुसाफिर हूँ यारों न घर है न ठिकाना
मुसाफिर हूँ यारों न घर है न ठिकाना
मुझे चलते जाना है बस चलते जाना
एक राह रुक गयी तो और जुड़ गयी
मैं मुडा तो साथ साथ राह मुड गयी
हवाओं के परों पर मेरा आशियाना
दिन ने हाथ थाम कर इधर बितालिया
रात ने इशारे से उधर बुलालिया
सुबह से शाम से मेरा दोस्ताना
मुसाफिर हूँ यारों न घर है न ठिकाना
मुझे चलते जाना है बस चलते जाना
एक राह रुक गयी तो और जुड़ गयी
मैं मुडा तो साथ साथ राह मुड गयी
हवाओं के परों पर मेरा आशियाना
दिन ने हाथ थाम कर इधर बितालिया
रात ने इशारे से उधर बुलालिया
सुबह से शाम से मेरा दोस्ताना
Musafir hoon yaaron; Music R.D. Burman; Hindi Film: Parichay
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