Tuesday 1 November 2011

जब दीप जले आना, जब शाम ढले आना (Jab Deep Jale Aana, Jab Shaam Dhale Aana)

जब दीप जले आना, जब शाम ढले आना
संदेस मिलन का भूल न जाना मेरा प्यार न बिसराना
जब दीप जले आना

नीत सांझ सवेरे मिलते हैं
उन्हें देखके तारे खिलते हैं
लेते हैं वादा एक दूजे से कहते हैं चले आना
जब दीप जले आना

नी रे गा, रे गा, प गा  रे  सा  सा  नी

मैं पलकन डगर बुहारुंगा
तेरी राह निहारूंगा
मेरी प्रीत का काजल तुम अपने नैनो में मले आना
जब दीप जले आना

जहां पहेली बार मिले थे हम
जिस जगह से संग चले थे हम
नदिया के किनारे आज उसी
अम्बुआ के तले आना
जब दीप जले आना

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