Saturday 5 November 2011

मैंने तेरे लिए ही सात रंग के सपने चूने (Maise Tere Liye Hi Saat Rang Ke)

मैंने तेरे लिए ही सात रंग के सपने चूने
सपने, सुरीले सपने
कुछ हँसते, कुछ गम के
तेरी आँखों के साए चुराए रसीली यादों ने

छोटी बाते, छोटी, छोटी बातों की हैं यादे बड़ी
भूले नहीं, बीती हुयी एक छोटी घड़ी
जनम जनम से आँखे बिछाई तेरे लिए इन राहों ने

भोले भाले, भोले भाले दिल को बहलाते रहे
तनहाई में तेरे ख्यालों को सजाते रहे
कभी कभी तो आवाज देकर मुझको जगाया ख़्वाबों ने

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