फिर वही रात है, फिर वही रात हैं ख्वाब की रात भर ख्वाब में देखा करेंगे तुम्हें मासूम सी नींद में, जब कोई सपना चले हम को बुला लेना तुम, पलकों के परदे तले ये रात हैं ख्वाब की, ख्वाब की रात है काँच के ख्वाब है, आँखों में चुभ जायेंगे पलकों में लेना इन्हें, आँखों में रुक जायेंगे ये रात हैं ख्वाब की, ख्वाब की रात है
Phir Wahi Raat Hai - Vinod Mehra, Kishore Kumar, Ghar Song
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