Friday 4 November 2011

हवाओं पे लिख दो, हवाओं के नाम (Hawao Pe Likh Do)

हवाओं पे लिख दो, हवाओं के नाम
हम अनजान परदेसियों का सलाम

ये किस के लिए है, बता किस के नाम
ओ पंछी तेरा ये सुरीला सलाम

शांख पर जब धुप आयी, हाथ छू ने के लिए
छाँव छम से नीचे कूदी, हँस के बोली आईये
यहाँ सुबह से खेला करती हैं शाम

चुलबुला ये पानी अपनी राह बहना भूलकर
लेटे लेटे आईना चमका रहा हैं फूलपर
ये भोले से चेहरे हैं मासूम नाम

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