Thursday 8 March 2012

गलत है लूट लिया तुमको हुस्न वालो ने (Galat Hain Loot Liya Tumko Husnwalo Ne)

गलत है लूट लिया तुमको हुस्न वालो ने
तुम्हे तो लुटा तुम्हारे बुरे खयालों ने

खता तुम्हारी है इल्जाम हुस्नवालो पर
खुदा की मार तुम्हारे बुरे खयालो पर
नजर तुम्हारी ही हमेशा है खुश गवारों पर
किसीके गालो पे आशिक किसीके बालो पर
जमाना थूकेगा वल्लाह ऐसी चालो पर
तरस न खायेगा कोई तुम्हारे हालो पर
जवाब साफ़ मिलेगा तुम्हे सवालों पर
जुबान खोली अगर तुमने हुस्न वालो पर

गलत है लूट लिया तुमको हुस्न वालो ने
तुम्हे तो लुटा तुम्हारे बुरे खयालों ने

जहा कहीं तुम्हे कोई हँसी नजर आया
तुम्हारे दिल ने तुम्हारी नज़र को बहकाया
की तुमने दिल से शराफत को यु मिटा डाला
बुरे खयाल ने अँधा तुम्हे बना डाला
तुम अपनी आबरू खुद अपने हातो खोते हो
बुरे हो दिल में बुराई किसीकी बोते हो
हमेशा हुस्न का रोना जहान में रोते हो
जरा बताओ हसीनो के कौन होते हो

गलत है लूट लिया तुमको हुस्न वालो ने
तुम्हे तो लुटा तुम्हारे बुरे खयालों ने

गुनाहगार तुम्हारी निगाहे होती है
तुम्हारे दिल की तो दुनिया की राह होती है
न इश्क होता है तुमको न चाह होती है
यही तो बाते है बढ़कर गुनाह होती है
कहा तो जुल्म कहेंगे ये तुर्जफाओ के
जनाजे रोज निकलते है बेहयाओ के
इन्हें न छेड़ो खुदाराके हर्माये (शायद गलत समझा) है
तुम्हारी बहने है, बेटी है और माये है
ना काली जुल्फों से मतलब न गोरे गालो से
खुदा बचाए हरेक को बुरे खयालो से

गलत है लूट लिया तुमको हुस्न वालो ने
तुम्हे तो लुटा तुम्हारे बुरे खयालों ने

Monday 5 March 2012

हमें तो लुट लिया मिल के हुस्नवालो ने (Hume To Loot Liya Milke Husn Walo Ne)

हमें तोह लुट लिया मिल के हुस्नवालो ने
काले काले बालो ने, गोरे गोरे गालो ने

नजर में शोकिया और बचपना शरारत में
अदाए देखके हम फँस गए मोहब्बत में
हम अपनी जान से  जायेंगे जिनकी उल्फत में
यकीन है की ना आएंगे वोह ही मैयत में
तोह हम भी कह देंगे, हम लुट गए शराफत में

वही वही पे क़यामत हो वोह जिधर जाये
झुकी झुकी हुयी नजरो से कम कर जाये
तडपता छोड़ दे रस्ते में और गुजर जाये
सितम तोह यह है की दिल ले ले और मुकर जाये
समझ में कुछ नहीं आता की हम किधर जाये
यही इरादा है यह कहके हम तोह मर जाये

वफ़ा के नाम पे मारा है बेवफाओ ने
की दम भी हमको ना लेने दिया जफ़ाओ ने
खुदा भुला दिया इन हुस्न के खुदाओ ने
मिटा के छोड़ दिया इश्क की खताओ ने
उडाये होश कभी जुल्फ की हवा ने
हयाए नाज़ ने लुटा कभी अदाओ ने

हजार लुट गए नजरो के इक इशारे पर
हजारो बह गए तूफान बनके धारे पर
ना इनके वादों का कुछ ठीक है ना बातो का
फ़साना होता है इनका हजार रातो का
बहुत हसीन है वैसे तोह भोलापन इनका
भरा हुवा है मगर ज़हर से बदन इनका
यह जिसको काट ले पानी वोह पी नहीं सकता
दावा तोह क्या है दुआ से भी जी नहीं सकता
इन्हीं के मारे हुए हम भी हैं ज़माने में
है चार लफ्ज़ मोहब्बत के इस फ़साने में

जमाना इनको समझता है नेक और मासूम
मगर यह कहते हैं क्या है किसीको क्या मालूम
इन्हें ना तीर ना तलवार की जरुरत है
शिकार करने को काफी निगाहे उल्फत हैं
हसीन चाल से दिल पायमाल करते हैं
नजर से करते हैं बातें कमाल करते हैं
हर एक बात में मतलब हजार होते हैं
यह सीधे सादे बड़े होशियार होते हैं
खुदा बचाए हसीनो की तेज चलो से
पड़े किसी का भी पाला ना हुस्न वालो से

हुस्नवालो में मोहब्बत की कमी होती है
चाहनेवालो की तक़दीर बुरी होती है
इनकी बातो में बनावट ही बनावट देखी
शर्म आँखों में निगाहों में लगावट देखी
आग पहले तोह मोहब्बत की लगा देते हैं
अपनी रुकसार का दीवाना बना देते हैं
दोस्ती कर के फिर अंजन नजर आते हैं
सच तोह यह है की बेईमान नजर आते हैं
मौत से कम नहीं दुनिया में मुहब्बत इनकी
जिन्दगी होती बरबाद बदौलत इनकी
दिन बहारो के गुजरते हैं मगर मर मरके
लुट गए हम तोह हसीनो पे भरोसा कर के

Tuesday 28 February 2012

दीवारों से मिलकर रोना (Deewaro Se Milkar Rona)

दीवारों से मिलकर रोना अच्छा लगता है
हम भी पागल हो जायेंगे, ऐसा लगता है

दुनिया भर की यादें हमसे मिलने आती हैं
शाम ढले इस सूने घर में मेला लगता है

कितने दिनों के प्यासे होंगे यारों सोचो तो
शबनम का कतरा भी जिनको दरिया लगता है
हम भी पागल हो जायेंगे, ऐसा लगता है

किसको कैसर पत्थर मारूं कौन पराया है
शीश-महल में एक एक चेहरा अपना लगता है
हम भी पागल हो जायेंगे, ऐसा लगता है

Wednesday 1 February 2012

तुम्हे और क्या दूँ मैं दिल के सिवाय (Tumhe Aur Kya Du Main Dil Ke Siway)

तुम्हे और क्या दूँ मैं दिल के सिवाय
तुमको हमारी उमर लग जाए

मुरादें हों पूरी सजे हर तमन्ना
मुहब्बत की दुनिया के तुम चाँद बनना
बहारों की मंजिल पे हँसना-हँसाना
ख़ुशी में हमारी भी आवाज़ सुनना
कभी ज़िन्दगी में कोई ग़म न आये
तुमको हमारी उमर लग जाए

मुझे जो ख़ुशी है तुम्हें क्या बताऊँ
भला दिल की धड़कन को कैसे छिपाऊं
कहीं हो न जाऊं ख़ुशी से मैं पागल
तुम्हें देख कर और भी मुस्कुराऊं
खुदा दिलजलों की नज़र से बचाए
तुमको हमारी उमर लग जाए

सितारों से ऊंचा हो रूतबा तुम्हारा
बनो तुम हर इक ज़िन्दगी का सहारा
तुम्हें जिससे उल्फत हो मिल जाए तुमको
समझ लो हमारी दुआ का इशारा
मुक़द्दर तुम्हारा सदा जगमगाए
तुमको हमारी उमर लग जाए

Friday 13 January 2012

सेवा है यज्ञ कुंड समिधा सम हम जले (Sewa Hai Yagya Kund...)

सेवा है यज्ञ कुंड समिधा सम हम जले
ध्येय महासागर में सरित रूप हम मिले
लोकयोगक्षेम ही राष्ट्र अभय गान है
सेवारत व्यक्ति व्यक्ति कार्य का ही प्राण है         ध्रु

उच्चनीच भेद भूल एक हम सभी रहे
सहज बंधू भाव हो रागद्वेष ना रहे
सर्वदिक प्रकाश हो ज्ञानदीप बाल दो
चरण शीघ्र ढृढ़ बढे ध्येय शिखर हम चढ़े           १

मुस्कुराते खिल उठे मुकुल पात पात में
लहर लहर सम उठे हर प्रघात घात में
स्तुति निंदा रागलोभ यश विरक्ति चाह से
कर्म शेत्र में बढे सहज स्नेह भाव से                 २

दीनहीन सेवा ही परमेष्टि अर्चना
केवल उपदेश नहीं कर्मरूप साधना
मनवाचा कर्मसे सदैव एकरूप हो
शिवसुंदर नवसमाज विश्ववन्द्य हम गढे       ३   

युग युग से हिंदुत्व सुधा की, बरस रही मंगलमय धार (yug yug se hindutva sudha ki)

युग युग से हिंदुत्व सुधा की, बरस रही मंगलमय धार
भारत की हो जय-जयकार भारत की हो जय-जयकार

भारत ने ही सारे जग को ज्ञान और विज्ञान दिया
अनुपम स्नेह भरी दृष्टि से जन-जन का उपकार किया
जननी की पावन पूजा का सुखमय रूप हुआ साकार                     १

भारत अपने भव्य रूप  को धरती पर फिर प्रकटाए
नष्ट करे सारे दोषों को समरसता नित सरसाए
पुण्य धरा के अमर पुत्र हम पहिचाने निज शक्ति अपार               २

भारत भक्ति ह्रदय में भरकर अनथक तप दिन रत करे 
शाखा रूपी नित्य साधना सुन्दर सुगठित रूप वरे 
निर्भय होकर बढे निरंतर ढृढ़ता से जीवनव्रत धार                    ३