Wednesday 1 February 2012

तुम्हे और क्या दूँ मैं दिल के सिवाय (Tumhe Aur Kya Du Main Dil Ke Siway)

तुम्हे और क्या दूँ मैं दिल के सिवाय
तुमको हमारी उमर लग जाए

मुरादें हों पूरी सजे हर तमन्ना
मुहब्बत की दुनिया के तुम चाँद बनना
बहारों की मंजिल पे हँसना-हँसाना
ख़ुशी में हमारी भी आवाज़ सुनना
कभी ज़िन्दगी में कोई ग़म न आये
तुमको हमारी उमर लग जाए

मुझे जो ख़ुशी है तुम्हें क्या बताऊँ
भला दिल की धड़कन को कैसे छिपाऊं
कहीं हो न जाऊं ख़ुशी से मैं पागल
तुम्हें देख कर और भी मुस्कुराऊं
खुदा दिलजलों की नज़र से बचाए
तुमको हमारी उमर लग जाए

सितारों से ऊंचा हो रूतबा तुम्हारा
बनो तुम हर इक ज़िन्दगी का सहारा
तुम्हें जिससे उल्फत हो मिल जाए तुमको
समझ लो हमारी दुआ का इशारा
मुक़द्दर तुम्हारा सदा जगमगाए
तुमको हमारी उमर लग जाए

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