Monday 31 October 2011

मधुबन खुशबू देता है (Madhuban Khushbu Deta Hai)

मधुबन खुशबू देता है, सागर सावन देता है
जीना उसका जीना है, जो औरो को जीवन देता है
मधुबन खुशबू देता है

सूरज ना बन पाए तो, बनके दीपक जलता चल - २
फूल मिले या अंगारे, सच की राहो पे चलता चल - २
प्यार दिलो को देता है, अश्को को दामन देता है
जीना उसका जीना है, जो औरो को जीवन देता है
मधुबन खुशबू देता है

चलती है लहराके पवन, के सांस सभी की चलती रहे  - २
लोगो ने त्याग दिए जीवन, के प्रीत दिलो में पलती रहे  - २
दिल वोह दिल है जो औरो को, अपनी धडकन देता है
जीना उसका जीना है, जो औरो को जीवन देता है

रात और दिन दिया जले, मेरे मन में फिर भी अंधियारा है raat aaur din diyaa jale, mere man mein fir bhee andhiyaaraa hai

रात और दिन दिया जले, मेरे मन में फिर भी अंधियारा है
जाने कहा है, ओ साथी, तू जो मिले जीवन उजियारा है

पग पग मन मेरा ठोकर खाए, चाँद सूरज भी राह ना दिखाए
एसा उजाला कोइ मन में समाये, जिस से पीया का दर्शन मिल जाए

गहरा ये भेद कोइ मुझ को बताये, किसने किया हैं मुझपर अन्याय
जिस का हो दीप वो सुख नहीं पाए, ज्योत दिए की दूजे घर को सजाये

खुद नहीं जानू ढूंढें किस को नजर, कौन दिशा हैं मेरे मन की डगर
कितना अजब ये दिल का सफ़र, नदियाँ में आये जाए जैसे लहर

इस मोड़ से जाते हैं कुछ सुस्त कदम रस्ते (is mod se jaate hain kuchh sust kadam raste)

इस मोड़ से जाते हैं
कुछ सुस्त कदम रस्ते
कुछ तेज़ कदम राहें
इस मोड़ से जाते हैं

सहारा की तरफ  जा कर
इक राह बगोलों में
खो जाती है चकरा कर
इक राह उधादाती सी
छिलती हुयी काँटों से
जंगल से गुज़रती है
इक दौड़ के जाती है
और कूद के गिरती है
अनजान कलाओं में
इस मोड़ से जाते हैं

उस मोड़ पे बैठा हूँ   
जिस मोड़ से जाती है
हर एक तरफ राहें
इक रोज़ तो यूं होगा
इस मोड़ पे आकर तुम
रुक जाओगी कह दोगी 
वो कौन सा रास्ता है
जिस राह पे जाना है - २
वो कौन सा रास्ता है
जिस राह पे जाना है

ज़िन्दगी मेरे घर आना आना ज़िन्दगी (Zindagi Mere Ghar Aana Aana Zindagi)

ज़िन्दगी ज़िन्दगी मेरे घर आना आना ज़िन्दगी
ज़िन्दगी ज़िन्दगी मेरे घर आना आना ज़िन्दगी

मेरे घर का सीधा सा इतना पता है
ये घर जो है चारों तरफ से खुला है
न दस्तक ज़रूरी, न आवाज़ देना
मेरे घर का दरवाज़ा कोई नहीं है
हैं दीवारें गुम और छत भी नहीं है
बढ़ी धुप है दोस्त
बढ़ी धुप है दोस्त
तेरे आँचल का साया चुराके जीना है
जीना जीना ज़िन्दगी, ज़िन्दगी
ओ ज़िन्दगी मेरे घर आना
आना ज़िन्दगी ज़िन्दगी मेरे घर आना

मेरे घर का सीधा सा इतना पता है
मेरे घर के आगे मोहब्बत लिखा है
न दस्तक ज़रूरी, न आवाज़ देना
मैं सांसों की रफ़्तार से जान लुंगी
हवाओं की खुशबू से पहचान लुंगी
तेरा फूल हूँ दोस्त
तेरी भूल हूँ दोस्त
तेरे हाथों में चेहरा छुपा के जीना है जीना 
जीना  ज़िन्दगी, ज़िन्दगी ओ  ज़िन्दगी
मेरे घर आना
आना ज़िन्दगी ज़िन्दगी मेरे घर आना

होंठों से छू लो तुम (Honthon Se Chulo Tum)

होंठों से छू लो तुम
मेरा गीत अमर कर दो
बन जाओ मित मेरे
मेरी प्रीत अमर कर दो

न उम्र की सीमा हो
न जनम का हो बंधन
जब प्यार करे कोई
तो देखे केवल मन
नयी रीत चलाकर तुम
ये रीत अमर कर दो

होंठों से छू लो तुम

जग ने छिना मुझसे
मुझे जो भी लगा प्यारा
सब जीता किये मुझसे
मैं हर दम ही हारा
तुम हार के दिल अपना
मेरी जित अमर कर दो

होंठों से छू लो तुम

आकाश का सूनापन
मेरे तनहा मन में
पायल छनकाती तुम
आजाओ जीवन में
साँसें देकर अपनी
संगीत अमर कर दो

होंठों से छू लो तुम  

कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है (Kabhi kabhi mere dil mein khayaal aata hai)

कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
की जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिए
तू अबसे पहले सितारों में बस रही थी कहीं
तुझे ज़मीन पे बुलाया गया है मेरे लिए

कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
की ये बदन ये निगाहें मेरी अमानत हैं
ये केसुओं की घनी छाओं हैं मेरी खातिर
ये होंठ और ये बाहें मेरी अमानत हैं

कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
की जैसे बजती हैं शेहनाइयां सी राहों में
सुहाग रात हैं घूंघट उठा रहा हूँ मैं
सिमट रही है तू शरमा के अपनी बाहों में

कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
की जैसे तू मुझे चाहेगी उम्र भर यूहीं
उठेगी मेरी तरफ प्यार की नज़र यूहीं
मैं जानता हूँ की तू गैर है मगर यूहीं

कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है

बड़े बड़ाई न कर बड़े न बोले बोल (bade badaai na kare bade na bole bol)

बड़े बड़ाई न करे बड़े न बोले बोल - २
रहीमा लाख दफा मेरो मोल - २

(हिरा मुख से न कहे लाख टका मेरा मोल)

जो बड़ें को लघु कहे नहीं रहीम घट जाए - २
गिरधर मुरलीधर कहे कछु दुःख मानत नाई
रहीमा कछु दुःख मानत नाई

ग्यानी से कहिये कहा कहत कबीर लजाय - २
अंधे आगे नाचते कला अकारत जाय
कबीरा कला अकारत जाय

ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोल - २
औरन को शीतल करे आप उसी संग होय
कबीरा आप उसी संग होय

रात गवई सोये के दिवस गवायो खाय - २
हीरा जनम अमोल का कौड़ी बदले जाय
कबीरा कौड़ी बदले जाय

तुलसी भरोसे राम के निर्भय होके सोये  - २
अनहोनी होनी नहीं  होनी हो सो होय
रे तुलसी होनी हो सो होय

मेरी भव बाधा हरो राधा नागर सोय  - २
जा तनु किधाई परे शाम हरित  द्विति  होय
बिहारी शाम हरित द्विति होय

दुःख में सुमिरन सब करे सुख में करे न कोई  - २
जो सुख में सुमिरन करे तो दुःख काहे को होय
कबीरा दुःख काहे को होय

आवत ही हर्षे नहीं नैनं नहीं सनेह - २
तुलसी तहा न जाए चाहे कंचन बरसे मेह
तुलसी चाहे कंचन बरसे मेह

बुरा जो देखन मैं चला बुरा न मिलिया कोई  - 2
जो दिल खोजा आपना मुझसे बुरा न कोय
कबीरा  मुझसे बुरा न कोय

रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाय - २
टूटे से फिर न जुड़े जुड़े गाठ पड़ जाए
रहीमा जुड़े गाठ  पड़ जाए

बिगड़ी बात बने नहीं लाख करो किन्कोई  - २
रहिमन बिगड़े दूध को मथे न माखन होय
रहीमा मथे  न माखन होय

अंखियों के झरोखों से मैंने देखा जो सांवरे (Ankhiyon Ke Jharokhon Se Maine Dekha Jo Saanware)

अंखियों के झरोखों से मैंने देखा जो सांवरे
तुम दूर नज़र आये बड़ी दूर नज़र आये
बंद करके झरोखों को ज़रा बैठी जो सोचने
मन में तुम्ही मुस्काए मन में तुम्ही मुस्काए
अंखियों के झरोखों से

एक मन था मेरे पास वोह अब खोने लगा है
पाकर तुझे है मुझे कुछ होने लगा है
एक तेरे भरोसे पे सब बैठी हूँ भूल के
यूं ही उम्र गुज़र जाये तेरे साथ गुज़र जाये
अंखियों के झरोखों से ...

जीती हूँ तुझे देख के मरती हूँ तुम्ही पे
तुम हो जहाँ साजन मेरी दुनिया है वहीँ पे
दिन रात दुआ मांगे मेरा मन तेरे वास्ते
कभी अपनी उम्मीदों का कहीं फूल न मुरझाये
अंखियों के झरोखों से ...

मैं जब से तेरे प्यार के रंगों में रंगी हूँ
जागते हुए सोई नहीं नींदों में जगी हूँ
मेरे प्यार भरे सपने कहीं कोई न छीन ले
मन सोच के घबराये यही सोच के घबराये
अंखियों के झरोखों से ...

ज़िन्दगी के सफ़र में गुज़र जाते हैं जो मकाम (Zindagi Ke Safar Mein Guzar Jaate Hain Jo Makaam)

ज़िन्दगी के सफ़र में गुज़र जाते हैं जो मकाम
वो फिर नहीं आते, वो फिर नहीं आते

फूल खिलते हैं, लोग मिलते हैं
फूल खिलते हैं, लोग मिलते हैं
पतझड़ में जो फूल मुरझा जाते हैं
वो बहारों के आने से खिलते नहीं
कुछ लोग इक रोज़ जो बिछड़ जाते हैं
वो हजारों के आने से मिलते नहीं
उम्र भर चाहे कोई पुकारा करे उनका नाम
वो फिर नहीं आते, वो फिर नहीं आते

ज़िन्दगी के सफ़र में गुज़र जाते हैं जो मकाम

आँख धोखा है,  क्या भरोसा है
आँख धोखा है, क्या भरोसा है सुनो
दोस्तों शक दोस्ती का दुश्मन है
अपने दिल में इसे घर बनाने न दो
कल तड़पना पड़े याद में जिनकी
रोक लो रूठ कर उनको जाने न दो
बाद में प्यार के चाहे भेजो हजारों सलाम
वो फिर नहीं  आते, वो फिर नहीं आते

ज़िन्दगी के सफ़र में गुज़र जाते हैं जो मकाम

सुबह आती है, शाम जाती है
सुबह आती है, शाम जाती है  यूँही
वक़्त चलता ही रहता है रुकता नहीं
एक पल में ये आगे निकल जाता है
आदमी ठीक से देख पाता नहीं
और पर्दे पे मंज़र बदल जाता है
एक बार चले जाते हैं जो दिन-रात सुबह-ओ-शाम
वो फिर नहीं आते , वो फिर नहीं  आते

ज़िन्दगी के सफ़र में गुज़र जाते हैं जो मकाम

कैसे कहे हम प्यार ने हम को, क्या क्या खेल दिखाए (kaise kahe hum pyaar ne hum ko, kyaa kyaa khel dikhaaye)

कैसे कहे हम  प्यार ने हम को, क्या क्या खेल दिखाए
यूं शरमाई किस्मत हम से, खुद से हम शरमाये

बागों को तो पतझड़ लुटे, लूटा हमे बहार ने
दुनिया मरती मौत से लेकिन  मारा हम को प्यार ने
अपना वो हाल है, बीच सफ़र में, जैसे कोइ लूट जाए

तुम क्या जानो, क्या चाहा था, क्या लेकर आये हम
टूटे सपने, घायल नगमे, कुछ शोले कुछ शबनम
कितना कुछ हैं पाया हम ने, कहे तो कहा ना जाए

एसी बजी शहनाई घरमे, अब तक सो ना सके हम
अपनों ने हम को इतना सताया, रोये तो रोना सके  हम
अब तो करो कुछ एसा यारो, होश ना हम को आये

कोइ ये कैसे बताये के वो तनहा क्यों है (Koi Ye Kaise Bataye Ke Wo Tanha Kyo Hai?)

कोइ ये कैसे बताये के वो तनहा क्यों है
वो जो अपना था, वही और किसी का क्यों है
यही दुनिया हैं तो फिर, एसी ये दुनिया क्यों है
यही होता हैं तो, आखिर यही होता क्यों है?

इक ज़रा हाथ बढ़ा दे तो, पकड़ ले दामन
उस के सीने में समा जाए, हमारी धड़कन
इतनी कुर्बत हैं तो फिर फासला इतना क्यों है?

दिला-ये-बरबाद से निकला नहीं अबतक कोइ
इक लुटे घर पे दिया करता हैं दस्तक कोइ
आस जो टूट गयी हैं फिर से बंधाता क्यों है?

तुम मसर्रत का कहो या इसे गम का रिश्ता
कहते है प्यार का रिश्ता हैं जनम का रिश्ता
है जनम का जो ये रिश्ता तो बदलता क्यों है ?

तू नहीं तो जिन्दगी में और क्या रह जाएगा (too naheen to jindagee mein aaur kyaa rah jaayegaa)

तू नहीं तो जिन्दगी में और क्या रह जाएगा
दूर तक तनहाईयों का सिलसिला रह जाएगा

दर्द की सारी तहे और सारे गुजरे हादसे
सब धुवां हो जायेंगे, एक वाकिया रह  जाएगा

यूं भी होगा वो मुझे दिल से भूला देगा मगर
ये भी होगा खुद उसी में एक खला रह जाएगा

दायरे इनकार के इकरार की सरगोशियाँ
ये अगर टूटे कभी तो फासला रह जाएगा

तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो (Tum Itna Jo Muskura Rahe Ho)

तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो - २
क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो - २
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो - २

आँखों में नमी,  हंसी लबों पर - २
क्या हाल है क्या दिखा रहे हो - २

बन जायेंगे ज़हर पीते पीते - २
यह अश्क जो पिए जा रहे हो - २
जिन ज़ख्मों को वक़्त भर चला है - २
तुम क्यों उन्हें छेड़े जा रहे हो - २
क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
रेखाओं का खेल है मुक़द्दर - २
रेखाओं से मात खा रहे हो - २
क्या हाल है क्या दिखा रहे हो - ३

झुकी झुकी सी नज़र बेक़रार हैं के नहीं (Jhuki Jhuki Si Nazar Bekarar Hain Ke Naheen)

झुकी झुकी सी नज़र बेक़रार हैं के नहीं - २
दबा दबा सा सही दिल में प्यार हैं के नहीं
झुकी झुकी सी नज़र

तू अपने दिल की जवान धड़कनों को गिन के बता - २
मेरी तरह तेरा दिल बेकरार हैं के नहीं
दबा दबा सा सही दिल में प्यार हैं के नहीं
झुकी झुकी सी नज़र

तेरी उम्मीद पे ठुकरा रहा हूँ दुनिया को - २
तुझे भी अपने पे ये एतबार हैं के नहीं
दबा दबा सा सही दिल में प्यार हैं के नहीं
झुकी झुकी सी नज़र

अपनी तो जैसे तैसे (Apni To Jaise Taise)

अपनी तो जैसे तैसे 
थोड़ी ऐसे या वैसे
कट जायेगी
आपका क्या होगा जनाबे-आली
आपका क्या होगा 

अपने आगे न पीछे
न कोई ऊपर नीचे
रोनेवाला  
न कोई रोनेवाली जनाबे-आली
आपका क्या होगा 

आप भी मेरी तरह इंसान की औलाद हैं
आप मूह मांगी दुआ 
हम अनसुनी फरयाद हैं 
वोह जिन्हें सारा ज़माना समझे लावारिस यहाँ
आप जैसे जालिमों के ज़ुल्म की इजात हैं
गाली हुजुर की तो
लगती दुआओं जैसी
हम दुआ भी दे तो लगे है गाली
आपका क्या होगा जनाबे-आली
आपका क्या होगा 

आपके माथे से छलके जो पसीना भी कहीं
आसमा हिलने लगे और काप उठे यह ज़मीन
आपका तो यह पसीना खून से भी कीमती
और अपने खून की कीमत यहाँ कुछ भी नहीं
अपना तो खून  पानी
जीना मरना बेमानी
वक़्त की हर अदा है अपनी देखी भाली

ज़िन्दगी देने वाले सुन (Jindagi Dene Wale Sun)

ज़िन्दगी देने वाले सुन
तेरी दुनिया से दिल भर गया
मैं यहाँ जीते जी मर गया

रात कट ती  नहीं, दिन गुज़रता नहीं
ज़ख्म ऐसा दिया है के भरता नहीं
आंख वीरान है दिल परेशां है ग़म का सामान है
जैसे जादू कोई कर गया

बेखता तुने मुझ से ख़ुशी छीन ली
जिंदा रखा मगर ज़िन्दगी छीन ली
कर दिया दिल का खून चुप कहाँ तक रहूँ
साफ़ क्यूँ न कहूँ
जी ख़ुशी से मेरा डर गया

Sunday 30 October 2011

जब प्यार किया तो डरना क्या (Jab Pyar Kiya To Darna Kya)

इंसान किसी से दुनिया में
एक बार मोहब्बत करता है
इस दर्द को लेकर जीता है
इस दर्द को लेकर मरता है

प्यार किया तो डरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या
प्यार किया कोई चोरी नहीं की
प्यार किया
प्यार किया कोई चोरी नहीं की
छूप छूप आहे भरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या
प्यार किया तो डरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या

आज कहेंगे दिल का फ़साना
जान भी ले ले चाहे ज़माना
आज कहेंगे दिल का फ़साना
जान भी ले ले चाहे ज़माना
मौत वही जो दुनिया देखे
मौत वही जो दुनिया देखे
घूंट घूंट कर यु मरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या
प्यार किया तो डरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या
उनकी तमन्ना दिल में रहेगी
शम्मा इसी महफ़िल में रहेगी
उनकी तमन्ना दिल में रहेगी
शम्मा इसी महफ़िल में रहेगी
इश्क में जीना इश्क में मरना
इश्क में जीना इश्क में मरना
और हमे अब करना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या
प्यार किया तो डरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या
छूप ना सकेगा इश्क हमारा
चारो तरफ हैं उनका नज़ारा

पर्दा नहीं जब कोई खुदा से
पर्दा नहीं जब कोई खुदा से
बन्दों से पर्दा करना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या

प्यार किया तो डरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या

प्यार किया कोई चोरी नहीं की
छूप छूप आहे भरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या

Saturday 29 October 2011

करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी (Karoge Yaad To, Har Baat Yaad Aayegi)

करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी
गुजरते वक्त की, हर मौज ठहर जायेगी

ये चाँद बीते जमानो का आईना होगा
भटकते अबर में चेहरा कोइ बना होगा
उदास राह कोइ दासता सुनाएगी

बरसता भीगता मौसम धुवा धुवा होगा
पिघलती शम्मो पे दिल का मेरे गुमा होगा
हथेलियों की हिना, याद कुछ दिलायेगी

गली के मोड़ पे, सूना सा कोइ दरवाजा
तरसती आँखों से, रास्ता किसी का देखेगा
निगाह दूर तलक, जा के लौट आयेगी

दिखाई दिए यूँ के बेखुद किया (Dikhai Diye Yu Ki Bekhud Kiya)

दिखाई दिए यूँ के बेखुद किया
हमें आप से भी जुदा कर चले
दिखाई दिए यूँ के बेखुद किया
दिखाई दिए यूँ

जभीं सजदा करते  ही करते गयी
हक-ए-बंदगी हम अदा कर चले


दिखाई दिए यूँ के बेखुद किया
हमें आप से भी जुदा कर चले
दिखाई दिए यूँ

परस्तिश किया तक के ए बुत तुझे
नज़र में सभों की खुदा कर चले

दिखाई दिए यूँ के बेखुद किया
हमें आप से भी जुदा कर चले
दिखाई दिए यूँ

बहुत आरज़ू थी गली की तेरी
सो यास-ए-लहू में नहा कर चले

दिखाई दिए यूँ के बेखुद किया
हमें आप से भी जुदा कर चले
दिखाई दिए यूँ

सीने में जलन आँखों में तूफ़ान सा क्यों हैं ? (Sine Me Jalan Aankho Me Tufan Sa Kyo Hai?)

सीने में जलन आँखों में तूफ़ान सा क्यों हैं ?
इस शहर में हर शख्स परेशान सा क्यों हैं ?

दिल हैं तो, धड़कने का बहाना कोइ ढूंढें
पत्थर की तरह बेहिसा-ओ-बेजान सा क्यों हैं ?

तनहाई की ये कौनसी, मंजिल हैं रफीकों
ता-हद्द-ये-नजर एक बयाबान सा क्यों हैं ?

क्या कोइ नयी बात नजर आती हैं हम में
आईना हमे देख के हैरान सा क्यों हैं ?

तुम आ गए हो नूर आ गया है (Tum Aa Gaye Ho, Noor Aa Gaya Hai)

तुम आ गए हो नूर आ गया है - २
नहीं तो चरागों से लौ जा रही थी 
जीने की तुमसे वजेह मिल गयी है
बड़ी बेवजह ज़िन्दगी जा रही थी 
तुम आ गए हो नूर आ गया है 
          
कहा से चले कहा के लिए ये खबर नहीं थी मगर
कोई भी सीर जहा जा मिला वही तुम मिलोगे
के हम तक तुम्हारी दुवा आ रही थी
तुम आ गए हो नूर आ गया है 
नहीं तो चरागों से लौ जा रही थी
तुम आ गए हो नूर आ गया है  
         
दिन डूबा नहीं रात डूबी नहीं जाने कैसा है सफ़र
ख्वाबो के  दिए आँखों में लिए वही आ रहे थे
जहा से तुम्हारी सदा आ रही थी
तुम आ गए हो नूर आ गया है
नहीं तो चरागों से लौ जा रही थी
तुम आ गए हो नूर आ गया है

तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा (Tere Bina Jindagi Se Koi Shikwa)

तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं
शिकवा नहीं, शिकवा नहीं, शिकवा नहीं
तेरे बिना ज़िन्दगी भी लेकिन ज़िन्दगी तो नहीं
ज़िन्दगी नहीं, ज़िन्दगी नहीं, ज़िन्दगी नहीं
तेरे बिना ज़िन्दगी से शिकवा तो नहीं

जी में आता है तेरे दामन में
सर छुपाके हम रोते रहे, रोते रहे  - २
तेरी भी आँखों में आंसुओं की नमी तो नहीं

तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं
शिकवा नहीं, शिकवा नहीं, शिकवा नहीं
तेरे बिना ज़िन्दगी भी लेकिन ज़िन्दगी तो नहीं
ज़िन्दगी नहीं, ज़िन्दगी नहीं, ज़िन्दगी नहीं
तुम जो कह दो तो आज की रात
चाँद डूबेगा नहीं, रात को रोक लो  - २
रात की बात है, और ज़िन्दगी बाक़ी तो नहीं


तेरे बिना ज़िन्दगी भी लेकिन ज़िन्दगी तो नहीं
ज़िन्दगी नहीं, ज़िन्दगी नहीं, ज़िन्दगी नहीं

तेरे बिना ज़िन्दगी भी लेकिन ज़िन्दगी तो नहीं
ज़िन्दगी नहीं, ज़िन्दगी नहीं, ज़िन्दगी नहीं

तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं
शिकवा नहीं, शिकवा नहीं, शिकवा नहीं

तेरे बिना जिया जाए ना (Tere Bina Jiya Jaaye Naa)

तेरे बिना जिया जाए ना  - २
बिन तेरे तेरे बिन साजना
सांस में सांस आये ना
तेरे  बिना

जब भी ख्यालों में तू आये
मेरे बदन से ख़ुशबू आये
महके बदन में रहा ना जाए
रहा जाए ना
तेरे बिना

रेशमी रातें रोज़ ना होंगी
ये सौगातें रोज़ ना होंगी
ज़िन्दगी तुझ बिन रास ना आये
रास आये ना
तेरे बिना

बीती न बितायी रैना (Biti Na Bitayi Raina)

बीती न बितायी रैना
बिरहा की जाई रैना
भीगी हुई अंखियो में
लाख बुझाई रैना

बीती हुई बतिया कोई दोहराए
भूले हुए नामो से कोई तो बुलाये
चाँद की बिंदी वाली बिंदी वाली रतिया
जागी हुई अंखियो में रात न आई रैना

युग आते है और युग जाए
छोटी छोटी यादो के पल नहीं जाए
झूठ से काली लागे लागे काली रतिया
रूठी हुई अंखियो ने लाख मनाई रैना

दिल ढूँढता है, फिर वही फुरसत के रात दिन (Dil Dhundhta Hai Phir Wahi, Fursat Ke Raat Din)

दिल ढूँढता है, फिर वही फुरसत के रात दिन
बैठे रहे तसव्वुर-ये-जाना किये हुए

जाड़ों की नर्म धुप और आँगन में लेट कर
आँखों पे खिंच कर तेरे दामन के साए को
औंधे पड़े रहे कभी करवट लिए हुए

या गरमीयों की रात जो पूरवाईयां चले
ठंडी सफ़ेद चादरों पे जागे देर तक
तारों को देखते रहे छत पर पड़े हुए

बर्फीली सर्दियों में किसी भी पहाड़ पर
वादी में गूंजती हुयी, खामोशियाँ सूने
आँखों में भीगे भीगे से लम्हे लिए हुए

नाम गुम जाएगा, चेहरा ये बदल जाएगा (Naam Gum Jayega, Chehra Ye Badal Jayega)

नाम गुम जाएगा, चेहरा ये बदल जाएगा
मेरी आवाज ही पहचान है, गर याद रहे

वक्त के सितम कम हसीं नहीं,
आज  हैं यहाँ कल कही नहीं
वक्त  के  परे अगर मिल गए कही,
मेरी आवाज ही .. ..

जो गुजर गयी, कल की बात थी,
उम्र तो नहीं एक रात थी
रात का सिरा अगर फिर मिले कही,
मेरी आवाज ही .. ..

दिन ढले जहा रात पास हो,
जिन्दगी की लौ ऊँची कर चलो
याद आये गर कभी जी उदास हो,
मेरी आवाज ही .. ..

किसी नजर को तेरा, इंतज़ार आज भी हैं (Kisi Nazar Ko Tera Intzaar Aaj Bhi Hai)

किसी नजर को तेरा, इंतज़ार आज भी हैं
कहा हो तुम के ये दिल बेकरार आज भी हैं

वो वादिया, वो  फिजायें के हम मिले थे जहां
मेरी वफ़ा का वही पर मजार आज भी हैं

न जाने देख के क्यों उन को ये  हुआ एहसास
के मेरे दिल पे उन्हें इख्तियार आज भी हैं

वो प्यार जिस के लिए हमने छोड़ दी दुनिया
वफ़ा की राह में घायल वो प्यार आज भी हैं

यकीन नहीं हैं मगर आज भी ये लगता हैं
मेरी तलाश में शायद बहार आज भी हैं

एक अकेला इस शहर में (Ek Akela Is Shahar Me..)

एक अकेला इस शहर में रात में और दोपहर में आबोदाना ढूँढता है आशियाना ढूँढता है

दिन खाली खाली बर्तन है और रात है जैसे अँधा कुआँ
इन सूनी अँधेरी आँखों से आंसूं की जगह आता हैं धुआं
जीने की वजह तो कोई नहीं मरने का बहाना ढूँढता है 
एक अकेला इस शहर में ...

इन उम्र से लम्बी सड़कों को मंजिल पे पोहोंचते  देखा नहीं 
बस  दौड़ती फिरती रहती हैं हमने  तो ठहेरते देखा नहीं 
इस अजनबी से शहर में जाना पहेचाना ढूँढता  है 
एक अकेला इस शहर में ...

Friday 28 October 2011

कोइ जब तुम्हारा ह्रदय तोड़ दे (Koi Jab Tumhara Hriday Tod De)

कोइ  जब  तुम्हारा  ह्रदय  तोड़ दे
तड़पता हुआ जब कोइ छोड़ दे
तब तुम मेरे पास आना प्रिये
मेरा दर खुला है, खुला ही रहेगा, तुम्हारे लिए


अभी तुम को मेरी जरुरत नहीं,
बहोत चाहनेवाले मिल जायेंगे
अभी रूप का एक सागर हो तुम
कँवल जितने चाहोगी खिल जायेंगे
दर्पण तुम्हे जब डराने लगे,
जवानी भी दामन छुडाने लगे
तब तुम मेरे पास आना प्रिये
मेरा सर झुका है , झुका  ही  रहेगा,
तुम्हारे लिए

कोइ शर्त होती नहीं प्यार में,
मगर प्यार शर्तों पे तुम ने किया
नजर में सितारे जो चमके ज़रा,
बुझाने लगी आरती का दिया
जब अपनी नजर में ही गिरने लगो,
अंधेरो में अपने ही घिरने लगो
तब तुम मेरे पास आना प्रिये
ये दीपक जला है,
जला ही रहेगा तुम्हारे लिए