Sunday 30 October 2011

जब प्यार किया तो डरना क्या (Jab Pyar Kiya To Darna Kya)

इंसान किसी से दुनिया में
एक बार मोहब्बत करता है
इस दर्द को लेकर जीता है
इस दर्द को लेकर मरता है

प्यार किया तो डरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या
प्यार किया कोई चोरी नहीं की
प्यार किया
प्यार किया कोई चोरी नहीं की
छूप छूप आहे भरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या
प्यार किया तो डरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या

आज कहेंगे दिल का फ़साना
जान भी ले ले चाहे ज़माना
आज कहेंगे दिल का फ़साना
जान भी ले ले चाहे ज़माना
मौत वही जो दुनिया देखे
मौत वही जो दुनिया देखे
घूंट घूंट कर यु मरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या
प्यार किया तो डरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या
उनकी तमन्ना दिल में रहेगी
शम्मा इसी महफ़िल में रहेगी
उनकी तमन्ना दिल में रहेगी
शम्मा इसी महफ़िल में रहेगी
इश्क में जीना इश्क में मरना
इश्क में जीना इश्क में मरना
और हमे अब करना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या
प्यार किया तो डरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या
छूप ना सकेगा इश्क हमारा
चारो तरफ हैं उनका नज़ारा

पर्दा नहीं जब कोई खुदा से
पर्दा नहीं जब कोई खुदा से
बन्दों से पर्दा करना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या

प्यार किया तो डरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या

प्यार किया कोई चोरी नहीं की
छूप छूप आहे भरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या

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