Saturday 29 October 2011

तुम आ गए हो नूर आ गया है (Tum Aa Gaye Ho, Noor Aa Gaya Hai)

तुम आ गए हो नूर आ गया है - २
नहीं तो चरागों से लौ जा रही थी 
जीने की तुमसे वजेह मिल गयी है
बड़ी बेवजह ज़िन्दगी जा रही थी 
तुम आ गए हो नूर आ गया है 
          
कहा से चले कहा के लिए ये खबर नहीं थी मगर
कोई भी सीर जहा जा मिला वही तुम मिलोगे
के हम तक तुम्हारी दुवा आ रही थी
तुम आ गए हो नूर आ गया है 
नहीं तो चरागों से लौ जा रही थी
तुम आ गए हो नूर आ गया है  
         
दिन डूबा नहीं रात डूबी नहीं जाने कैसा है सफ़र
ख्वाबो के  दिए आँखों में लिए वही आ रहे थे
जहा से तुम्हारी सदा आ रही थी
तुम आ गए हो नूर आ गया है
नहीं तो चरागों से लौ जा रही थी
तुम आ गए हो नूर आ गया है

No comments:

Post a Comment