Monday 31 October 2011

अपनी तो जैसे तैसे (Apni To Jaise Taise)

अपनी तो जैसे तैसे 
थोड़ी ऐसे या वैसे
कट जायेगी
आपका क्या होगा जनाबे-आली
आपका क्या होगा 

अपने आगे न पीछे
न कोई ऊपर नीचे
रोनेवाला  
न कोई रोनेवाली जनाबे-आली
आपका क्या होगा 

आप भी मेरी तरह इंसान की औलाद हैं
आप मूह मांगी दुआ 
हम अनसुनी फरयाद हैं 
वोह जिन्हें सारा ज़माना समझे लावारिस यहाँ
आप जैसे जालिमों के ज़ुल्म की इजात हैं
गाली हुजुर की तो
लगती दुआओं जैसी
हम दुआ भी दे तो लगे है गाली
आपका क्या होगा जनाबे-आली
आपका क्या होगा 

आपके माथे से छलके जो पसीना भी कहीं
आसमा हिलने लगे और काप उठे यह ज़मीन
आपका तो यह पसीना खून से भी कीमती
और अपने खून की कीमत यहाँ कुछ भी नहीं
अपना तो खून  पानी
जीना मरना बेमानी
वक़्त की हर अदा है अपनी देखी भाली

2 comments: