Monday 31 October 2011

इस मोड़ से जाते हैं कुछ सुस्त कदम रस्ते (is mod se jaate hain kuchh sust kadam raste)

इस मोड़ से जाते हैं
कुछ सुस्त कदम रस्ते
कुछ तेज़ कदम राहें
इस मोड़ से जाते हैं

सहारा की तरफ  जा कर
इक राह बगोलों में
खो जाती है चकरा कर
इक राह उधादाती सी
छिलती हुयी काँटों से
जंगल से गुज़रती है
इक दौड़ के जाती है
और कूद के गिरती है
अनजान कलाओं में
इस मोड़ से जाते हैं

उस मोड़ पे बैठा हूँ   
जिस मोड़ से जाती है
हर एक तरफ राहें
इक रोज़ तो यूं होगा
इस मोड़ पे आकर तुम
रुक जाओगी कह दोगी 
वो कौन सा रास्ता है
जिस राह पे जाना है - २
वो कौन सा रास्ता है
जिस राह पे जाना है

6 comments:

  1. I have been at my best while analysing the decision tree. But I am amazed to see the complexity of new decision tree generated by my own decision.

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  3. अति सुन्दर रचना AND A VERY RARE COMPOSITION.

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  4. ये कैसा गाना है

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  5. ये कैसा गाना है

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