Friday 28 October 2011

कोइ जब तुम्हारा ह्रदय तोड़ दे (Koi Jab Tumhara Hriday Tod De)

कोइ  जब  तुम्हारा  ह्रदय  तोड़ दे
तड़पता हुआ जब कोइ छोड़ दे
तब तुम मेरे पास आना प्रिये
मेरा दर खुला है, खुला ही रहेगा, तुम्हारे लिए


अभी तुम को मेरी जरुरत नहीं,
बहोत चाहनेवाले मिल जायेंगे
अभी रूप का एक सागर हो तुम
कँवल जितने चाहोगी खिल जायेंगे
दर्पण तुम्हे जब डराने लगे,
जवानी भी दामन छुडाने लगे
तब तुम मेरे पास आना प्रिये
मेरा सर झुका है , झुका  ही  रहेगा,
तुम्हारे लिए

कोइ शर्त होती नहीं प्यार में,
मगर प्यार शर्तों पे तुम ने किया
नजर में सितारे जो चमके ज़रा,
बुझाने लगी आरती का दिया
जब अपनी नजर में ही गिरने लगो,
अंधेरो में अपने ही घिरने लगो
तब तुम मेरे पास आना प्रिये
ये दीपक जला है,
जला ही रहेगा तुम्हारे लिए

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