Monday, 31 October 2011

ज़िन्दगी देने वाले सुन (Jindagi Dene Wale Sun)

ज़िन्दगी देने वाले सुन
तेरी दुनिया से दिल भर गया
मैं यहाँ जीते जी मर गया

रात कट ती  नहीं, दिन गुज़रता नहीं
ज़ख्म ऐसा दिया है के भरता नहीं
आंख वीरान है दिल परेशां है ग़म का सामान है
जैसे जादू कोई कर गया

बेखता तुने मुझ से ख़ुशी छीन ली
जिंदा रखा मगर ज़िन्दगी छीन ली
कर दिया दिल का खून चुप कहाँ तक रहूँ
साफ़ क्यूँ न कहूँ
जी ख़ुशी से मेरा डर गया

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