Wednesday 23 November 2011

ज़िन्दगी में जब तुम्हारे गम नहीं थे (Jindagi Me Jab Tumhare Gam Nahi The)

ज़िन्दगी में जब तुम्हारे गम नहीं थे
इतने तनहा थे की हम भी हम नहीं थे

वक़्त पर जो लोग काम आये हैं अक्सर
अजनबी थे, वो मेरे हमदम नहीं थे

बेसबब था तेरा मिलना रहगुज़र में
हादसे हर मोड़ पर कुछ कम नहीं थे

हमने ख्वाबो में खुदा बनकर भी देखा
आप थे, बाहों में दो आलम नहीं थे

सामने दीवार थी खुद्दारियों की
वरना रस्ते प्यार के पुराकम नहीं थे

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