Friday 23 December 2011

जाग दर्दे इश्क जाग (Jaag Darde Ishq Jaag)

जाग दर्दे इश्क जाग - (२)
दिल को बेक़रार कर, छेड़ के आंसुओ का राग
जाग  दर्दे इश्क जाग - (२)
जाग .... जाग .....

किसको सुनाऊ दास्ताँ, किसको दिखाऊ दिल के दाग
जाऊ कहा की दूर तक, जलता नहीं कोई चिराग - (२)
राख़ बन चुकी है आग - (२)
दिल को बेक़रार कर, छेड़ के आंसुओ का राग
जाग .... जाग .....

ऐसी चली हवा-ए-गम, ऐसा बदल गया समां - (२)
रूठ के मुझसे चल दिए - २ मेरी ख़ुशी  के कारवां
डस रहें हैं ग़म के नाग
जाग दर्दे इश्क जाग - (२)
दिल को बेक़रार कर, छेड़ के आंसुओ का राग
जाग  दर्दे इश्क जाग

आँख जरा लगी तेरी, सारा जहाँ सो गया
यह जमीं सो गयी, असमान सो गया, सो गया प्यार का चिराग
जाग, जाग, जाग .........

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